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Wednesday, August 15, 2012

समय के साथ मै ऑफिसर बनता गया

समय के साथ मै ऑफिसर बनता गया 


 गलिओ मे खेलते बच्चो के साथ खेलना 
सडको पर मिलते समोसे 
सस्ती बस का सफ़र 
जनरल  से ट्रेन का सफ़र 
सस्ते खाने की खोज 
चौराहे पर दोस्तों के साथ चाय की चुस्किया 
बिन बजह किसी खास घर के चक्कर 
मोहल्ले के बड़े बूदों से बात 
गाव मे  साईकिल का सफ़र 
घर का गेहू पिसाने ,पानी भरने ,गाडी धोने का काम 
अपने कपडे धोने का काम 
घर के दरजी से सिलवाये हुए कपडे 
 ये सब  मै नहीं करता 

समय के साथ मै ऑफिसर बनता जा रहा हु 
अपनों से अपने आप से कटता जा रहा हु 

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