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Sunday, April 4, 2010

हमारी आवाज़

हमारी आवाज़ !!!     है कोई सुनने बाला ! नहीं कोई नहीं है साहब  सुचना का अधिकार तो सबको  जानने  का हक़ देता है ? तो क्या कर लोगे? नहीं देते सुचना बूचना !जाओ सरकार के  पास  साहब आप ही तो सरकार हो! नहीं हम सरकारी ऑफिसर है !!!  मगर   आप तो लोक सेवक है न ! फिर ऑफिसर क्यों ? ज्यादा  दिमाक लगाता है   कभी मंत्री से पूछा  है की वो जन प्रतिनिधि से सरकार के प्रतिनिधि कैसे बन गए ???  बेचारा आम आदमी कुछ नहीं समझ पाता की सरकार कौन है? किसकी है? किसके लिए है  ???

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