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Sunday, March 6, 2011

कम है


लग रह है अब सब कुछ ख़तम हो गया है शायद मैंने वो खो दिया है जो मै इस जीबन मे कम से कम बीस साल नहीं और शायद इस जीबन मे तो कभी भी नहीं पा सकता   हे भगबान अगली बार मुझे फिर भारत मे  जन्म देना मे अपनी  कसम पूरी करना चाहता हु  नहीं तो मेरी आत्मा को शांति  नहीं मिलेगी   
                               मै मानता हु  की हमेशा की  तरह इस बार फिर मुझमे कुछ कामिया होगी पर अब क्या करू मेरे पास तो अब अपने आप को सुधरने का अवसर ही  नहीं रह गया     इस अवसर को खोने का गम तो है ही    जीबन के पिछले दस साल हर पल मेरी आँखों के सामने से हर पल गुजरते रहते है कभी  किसी अधिकारी को  रोब दिखाते देखता हु या फिर किसी को परेशां होते देखता हु तो बस यही लगता है की मै क्यूँ   कुछ  नहीं कर पाया
                                         कभी कभी इक ही  पल मे  मेरा सारा इतिहास मेरी आँखों सामने से गुज़र जाता  है साथ hee  यह भयानक  सच  की मै अब वो नहीं कर पाउँगा  
 अपनी अम्मा  पापा से यह  कह सकू  जो मै चाहता था वो  मैंने पा लिया   

                        जितने  आंसू आँखों से बहते दीखते है उससे भी ज्यादा  दो तो दिल मै ही  सूख जाते है ऐसे समय  मै रुलाने बाले भी कई जगह मिलेगे   पर उन्हें तो पता ही नहीं की मेरे साथ  क्या  हो गया है

       १० साल  के बाद  मै बो पद नहीं पा सका जो मैंने चाही फिर आज इक पोस्ट है   फिर हर कोई मुझसे से कहता की तुम्हारी   कोशिश कम थी       क्या बो सच कहता है     इक छोटी सी पोस्ट की खोज   के साथ शुरू हुआ सफर इक बड़ी पोस्ट के कोशिश मै इक छोटी पोस्ट पर  ख़त्म हो गया
              मुझे हर बो इन्सान याद आ रहा  है जिसे मैंने अपनी पढाई के   कारन नजर अंदाज किया हर वो त्यौहार जो एक्साम  के  कारन  छोड़   दिया        कोई  मेरा बीता हुआ समय लोटा सकता है  ?       नहीं           
         क्या आई ए  एस  बन्ने के  लिए इक जीबन कम है ????

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