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Sunday, September 18, 2011

संजीव पाठक की कलम से



चेहरे दिलों का हाल बोलते हैं
आइने रोज नए सवाल बोलते है
मै हरदम सीधी बात करता हूँ
लोग जाने क्यों बबल बोलते है
चेहरे दिलों का हाल बोलते हैं
आइने रोज नए सवाल बोलते है
मै हरदम सीधी बात करता हूँ
लोग जाने क्यों बबाल बोलते है