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Wednesday, January 12, 2011

आपका पद [post]अच्छा नहीं है

  अरे आपका चयन  हो गया !! पी .एस.सी  से हुआ है अरे वाह !!  मगर किस   पोस्ट पर? जी छोटी सी है  सेकंड क्लास है मगर डेपुटी कलेक्टर   भी तो सेकंड क्लास है !! मगर  आपके पोस्ट मै उपरी कमाई नहीं है इससे अच्छी तो थर्ड  क्लास kee है उसमे काफी उपरी कमाई  है???

छुपे हुए इरादे [लघु कथा]

             अरे आप से क्या पैसे लेना आप तो  मेरे बड़े भाई जैसे है और बताये घर पर सब कुछ ठीक है न और कोई जरुरत लगे तो मांग लेना  और चाहो तो फ़ोन कर लेना ?मगर सर आपका तो फ़ोन ख़राब है! अरे ठीक भी होता तो मै न उठाता सर लेकिन ?अरे समझा करो मम्मी चुनाव लड़ रही है न !!!

भागने की कोशिश करना

       हम हमेशा अपने आप से भागते क्यों है |हम अपनी और उठने बाले सबालो के जबाब तलाशने के बजाये उन सबलो को अनदेखा क्यों कर देते है | हम हर जगह क्यों कुछ नया चाहते है | हमारी जिन्दगी बेसी नहीं होती जेसी हम सोचते है | हम अपनी जिन्दगी के कुछ खालीपन को कम करते है मगर फिर हर जगह खालीपन आ जाता ये जीबन ऐसे हे  चलना है कभी किशी की तलाश मै कुछ खोजना और कभी अपनी तलाश मै अपने आप को भूल जाना |क्या ?इशी का नाम जिन्दगी है ?
                           
              मेरे साथ साथ मै नहीं अकेला तुम भी
              हो   पर जगह मै हे रह जाता  हू अकेला 
                मेरी जिन्दगी शुरू तुम से और जाती है सिर्फ तुम तक     

Tuesday, January 11, 2011

उलझन

पता नहीं| क्यों इक अजीब सी उलझन है |  इक खालीपन है सब कुछ है मेरे पास इक घर इक परिवार दोस्त और रोजगार भी | फिर भी न जाने क्यों मन मै इक खालीपन सा है | इक बात है इस जिंदगी की हम जिन उलझनों से दूर भागते है वो हमेशा हमरे पास ही रहती है | अगर कोई समस्या  नहीं है तो भी इक समस्या सी रहती है मेरे सामने न कल का सबाल है न आज का फिर भी  मन क्यों उदास है| मुझे कुछ  करना है मुझे आगे बदना है| के जूनून ने मुझे आज इस मुकाम पर ला दिया है के मै कुछ कर सकू  | पर पता नहीं मै कुछ क्यों नहीं कर पा रहा हू  |हर इक नया कम हमेशा के तरह मेरे मन लाखो सबाल पैदा कर रहा है  | के कल क्या होगा लगता है जिंदगी ऐसे ही लाखो सबालों के जबाब खोजते खोजते ही कटेगी


हर तरफ सबल ही सबल है जिंदगी मै
हर इक मंजिल के बाद फिर अनजाने रस्ते है जिन्दगी मे
मै नहीं जनता के मे कहा हू पर हर सबल जबाब है जिन्दगी मे

Friday, January 7, 2011

भलाई करने की सोचना

हम कई बार कुछ लोगो का भला  करने का सोचते है हम देखते है की कुछ लोग भूखे है या कुछ लोग ठण्ड से बेहाल है  हमारे घर मै बेकार के कपडे और खाना दोनों होता है पर हम न जाने क्यों दूसरो की मदद नहीं कर पाते हम काफी अच्छा करने के सोचते बस रह जाते  है पर करते कुछ नहीं जो कुछ कर देता है वह बास्तव मै महान हो जाता है यही to  महानता का राज है जो सोचो वो करो भी

Thursday, January 6, 2011

आधुनिकता बनाम परंपरा

  समाज और देश के साथ इक बात हमेशा सच होती है| और होनी चाहिए  के वे  कभी भी जड़ नहीं हो सकते उन्हें देश काल के अनुसार हमेशा बदलते रहना चाहिए  नहीं तो समाज भी  टूट  सकता है | और देश भी इक सामान्य सी बात है आखिर हम कहा जाना चाहते है हम अपनी परम्पराए बचाए   के अपने भविष्य को सम्हाले hamara भविष्य क्या है  हम अपनी पीड़ी को यदि आगे ले जा चाहते है तो  हमें कुछ नया करना होगा
                                       प्रेम और इससे जुड़े जितने भी पहलू है उन सब  मै हमेशा परंपरा  और आधुनिकता का बिबाद रहा है खेर समाज और परिबार दोनों अलग अलग नहीं है पर अलग अलग हो जाते है  यही पर विबाद है आखिर हमें किश्के साथ चलना है मेरे लिए न तो परिबार छोटा है न प्रेम पर  मै प्रेम को परिवार  के नाम पर कुर्बान नहीं कर सकता

aaj kal jindgi

कभी कभी जिन्दगी,मै कुछ चीजे ऐसे हो जाती, जिन्हें हम नहीं चाहते पर ,वे   हो जाती है और हमें अच्छी भी  लगने   लगती  है |  हम हमेशा उनसे दूर होने के कोशिश करते रहते पर बे हमेशा हमारे साथ रहते वो कभी कभी हमसे आगे तो तो कभी हमारे साथ भी चलने लगती है , हम सोचते है हम इन सबसे बहुत दूर है हमें इन सबसे कोई मतलब नहीं हम अच्छे है मै इन सबसे बहुत दूर हू पर कोई करे हो  ही जाता  है ...........    प्यार