कुछ होने का मतलब क्या है कभी कभी सोचता हु की मेरे साथ सब कुछ और कभी लगता है कुछ नहीं मुझे नहीं पता की मै क्यों खुश नहीं हू मेरइ जीवन मै सभ कुछ आया और गया पर पता नहीं कभी कुशी वैसे महसूश नहीं हुई जैसे के होना चाहीए मेरे पास मेरे अपने है पर मेरा कोई नहीं इक अजीब सी उलझन है क्या करू क्या न करू मुझे आखिर क्या और क्यों करना चाहिए मुझे पता नहीं
बेहतरीन प्रस्तुति .
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