Wednesday, April 7, 2010
naxalism नक्सलबाद
नक्सलबाद इक भटका हुआ आन्दोलन है गांधीजी का मत था की "साधन और साध्य दोनों की पवित्रता होना जरुरी है." पर नक्सली के साधन घोर निंदनीय है अब तो मुझे ये लगता है ki नक्सली अपने व्यक्तिगत हितो को ज्यादा तबज्जो दे रहे है. यह हमारी खुफिया तंत्र की, सरकार की, और पुलिस के निकम्मेपन की मिशाल है. रही बात समस्या के समाधान की तो जिस राह नक्सली चल रहे है उससे कुछ होना-जाना नहीं .सरकार को भी भ्रस्टाचार हटाने और रोजगार बढाने के गंभीर प्रयाश करना होंगे क्योंकि ये बात तो पक्की है नक्सलबाद की जड़े है तो आखिर बिषमता मै फिर भी ये तो समझना होगा की आदिबसियो के नाम पर कोई और अपनी रोटिया न सेंके जो भी हो आदीबाशी कुआ और खाई के बीच मै है ....... उचित शिक्षा रोजगार और प्रशाशन का सहयोगी रवैया ही आदिवासियो के मन मै बैठी सरकार की नकारात्मक छवि को समाप्त कर नक्सलबाद को समाप्त कर सकती है .........
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