लग रह है अब सब कुछ ख़तम हो गया है शायद मैंने वो खो दिया है जो मै इस जीबन मे कम से कम बीस साल नहीं और शायद इस जीबन मे तो कभी भी नहीं पा सकता हे भगबान अगली बार मुझे फिर भारत मे जन्म देना मे अपनी कसम पूरी करना चाहता हु नहीं तो मेरी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी
मै मानता हु की हमेशा की तरह इस बार फिर मुझमे कुछ कामिया होगी पर अब क्या करू मेरे पास तो अब अपने आप को सुधरने का अवसर ही नहीं रह गया इस अवसर को खोने का गम तो है ही जीबन के पिछले दस साल हर पल मेरी आँखों के सामने से हर पल गुजरते रहते है कभी किसी अधिकारी को रोब दिखाते देखता हु या फिर किसी को परेशां होते देखता हु तो बस यही लगता है की मै क्यूँ कुछ नहीं कर पाया
कभी कभी इक ही पल मे मेरा सारा इतिहास मेरी आँखों सामने से गुज़र जाता है साथ hee यह भयानक सच की मै अब वो नहीं कर पाउँगा
अपनी अम्मा पापा से यह कह सकू जो मै चाहता था वो मैंने पा लिया
जितने आंसू आँखों से बहते दीखते है उससे भी ज्यादा दो तो दिल मै ही सूख जाते है ऐसे समय मै रुलाने बाले भी कई जगह मिलेगे पर उन्हें तो पता ही नहीं की मेरे साथ क्या हो गया है
१० साल के बाद मै बो पद नहीं पा सका जो मैंने चाही फिर आज इक पोस्ट है फिर हर कोई मुझसे से कहता की तुम्हारी कोशिश कम थी क्या बो सच कहता है इक छोटी सी पोस्ट की खोज के साथ शुरू हुआ सफर इक बड़ी पोस्ट के कोशिश मै इक छोटी पोस्ट पर ख़त्म हो गया
मुझे हर बो इन्सान याद आ रहा है जिसे मैंने अपनी पढाई के कारन नजर अंदाज किया हर वो त्यौहार जो एक्साम के कारन छोड़ दिया कोई मेरा बीता हुआ समय लोटा सकता है ? नहीं
क्या आई ए एस बन्ने के लिए इक जीबन कम है ????
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